मुस्लिम होने के कारण गुरु ने वहीदा रहमान को भरतनाट्यम सिखाने से किया था इनकार
शो की सह-जज माधुरी दीक्षित नेने ने वहीदा से बचपन में भरतनाट्यम के लिए ट्रेनिंग लेने में आने वाली मुश्किलों के बारे में पूछा. (फाइल फोटो)
वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) ने बताया कि, वे भरतनाट्यम सीखना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने जिस गुरु की तलाश की, उन्होंने वहीदा को सिखाने से मना कर दिया था. मगर क्यों नहीं सीखा सकते? क्योंकि लड़की मुसलमान है.
वहीदा रहमान ने बताया कि, वे भरतनाट्यम सीखना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने जिस गुरु की तलाश की, उन्होंने वहीदा को सिखाने से मना कर दिया था. ‘मेरे एक दोस्त थे, उनको मैंने कहा- ‘मुझे इन्हीं से सीखना है. तो उन्होंने कहा, नहीं, मैं इनको नहीं सिखा सकता. मगर क्यों नहीं सीखा सकते? क्योंकि लड़की मुसलमान है. तो उससे क्या ताल्लुक है, मुसलमान हो, या क्रिश्चियन हो या हिंदू हो? नहीं, अपने जो पदम, वर्णम भाव हैं न, वो नहीं कर पाएगी.’
वहीदा रहमान ने आगे बताया कि, ‘मैंने बहुत जिद की, मेरे दोस्त को भेजती रही, मेरी मम्मी के दोस्त को, तो गुरु कहने लगे- अच्छा उसकी कुंडली ले आओ. तो हमने कहा, हम लोगों में कुंडली नहीं बनाते हैं. तो बोले, ये तो बड़ी प्रॉब्लम है. तो अच्छा चलो इसका डेथ ऑफ बर्थ डो, मैं खुद इसकी कुंडली बनाता हूं. इसके बाद उन्होंने कुंडली बनाई. तो बोले, ‘अरे, ये तो बड़ी ताज्जुब की बात है. ये कुंडली दिखाती है कि ये लड़की मेरी आखिरी और सबसे अच्छी स्टूडेंट होगी.’
वहीदा रहमान फिल्मों में काम नहीं करना चाहती थीं वे डॉक्टर बनना चाहती थीं. उन्हें डांस का शौक था, इसलिए उन्होंने डांस सीखा. 1951 में जब वहीदा रहमान के पिता गुजर गए तो परिवार के लिए पैसों की जरूरत थी. मां की भी तबियत खराब थी. फिर परिवार को संभालने और मां के इलाज के लिए वहीदा रहमान मजबूरी में फिल्मों में काम करने लगीं.वहीदा रहमान सफल ऐक्ट्रेस के साथ-साथ बेहतरीन डांसर भी हैं. 1950 से लेकर 1970 तक बॉलीवुड में उनकी एक्टिंग और डांस का जलवा कायम रहा. वहीदा रहमान और उनकी बहनों ने भरतनाट्यम का प्रशिक्षण लिया था. अच्छी डांसर होने के कारण उन्हें फिल्मों में काम मिलने में आसानी हुई.